उत्तम निबंध कैसे लिखें ?






How to write an essay
                            How to Write an Essay





निबंध किसे कहतें हैं ?
निबंध किसी विषय पर एक सुगठि, सुविचारित और सकौशल प्रस्तुत गद्य रचना है। जैसा की निबंध नाम से ही प्रकट है
अथवा , निबंध गद्य की वह रचना है, जिसमें लेखक अपने विचारों और भावनाओं को एक निश्चित विषय पर मुक्तभाव से प्रस्तुत करता है।





निबंध कितने प्रकार के होते हैं ?
शैली के अनुसार निबंध के प्रमुख भेद हैं -
  • वर्णनात्मक
  • विवरणात्मक
  • विचारात्मक
  • भावात्मक
  • गवेषणात्मक
  • मनोविश्लेषणात्मक
  • हास्य-व्यंगात्मक

विषय के अनुसार निबंध कितने प्रकार के होते हैं ?
विषयों के अनुसार निबंधों के प्रमुख प्रकार हैं -
  • साहित्यिक
  • सामाजिक
  • धार्मिक
  • ऐतिहासिक
  • राजनीतिक
  • वैज्ञानिक
  • ललित
  • आलोचनात्मक
  • मनोविकारात्मक


निबंध लिखने के लिए क्या आवश्यक है ?
निबंध रचना के लिए विषय का क्रमबद्ध रूप में सुगठित प्रस्तुतीकरण परम आवश्यक है। अभ्यास से यह कार्य सरल हो जाता है।

सर्वप्रथम सुपरिचित विषयों पर निबंध-लेखन का अभ्यास करना चाहिए। प्रस्तुत विषय पर उपलब्ध विभिन्न निबंधों का ध्यानपूर्वक अध्ययन करिये और देखिये कि विभिन्न लेखकों ने विषय को किस प्रकार प्रस्तुत किया है ? किस प्रकार उसे उपशीर्षकों अथवा अनुच्छेदों में बांटा है। उसके बाद स्वयं लिखना आरम्भ कीजिये। आरम्भ में आपकी रचना उतनी सुगठित और अच्छी न होगी। परन्तु निरन्तर अभ्यास से आप एक अच्छा निबंध लिख सकते हैं।

अतः निबंध रचना के लिए आवश्यक है  :-

  • सर्वप्रथम विषय पर गंभीरता से विचार कीजिये।
  • विषय के विभिन्न पहलुओं पर विचार करके उसे एक रूपरेखा में ढालिए।
  • निबंध की प्रस्तावना को आकर्षक बनाइये।
  • रुपरेखा के आधार पर विषय का क्रमिक विस्तार कीजिये।
  • आवश्यक उदाहरणों का प्रयोग कीजिये।
  • भाषा को सरल और प्रवाहपूर्ण रखिये।
  • पुनरावृत्ति और अनावश्यक विस्तार से बचिए।
  • उपसंहार में विषय पर अपना निष्कर्ष दीजिये।



निबंध की विषय-वस्तु को तीन प्रकार से अभिव्यक्त कर सकते हैं :-

  • निबंधात्मक शैली में,
  • आत्मकथात्मक शैली में,
  • संवाद शैली में,


  • निबंधात्मक शैली :- यह निबंध की सामान्य शैली है जिसकी लेखन-विधि पर ऊपर प्रकाश डाला जा चूका है।
  • आत्मकथात्मक शैली :- इसमें वर्ण्य विषय ( भारत-माता, लॉटरी, वृक्ष आदि ) को सजीव व्यक्ति मानकर उनके आत्मकथ्य के रूप में विषय वस्तु को प्रस्तुत किया जाता है। लेखक की रूचि-अरुचि अथवा निजी अनुभव पर आधारित निबंध ( जैसे - रोचक यात्रा, मेरे जीवन का उद्देश्य आदि ) भी इसी शैली के अंतर्गत आते हैं।
  • संवाद शैली :- इसमें किन्ही दो या अधिक पात्रों की कल्पना की जाती है तथा निबंध की सम्पूर्ण विषय-वस्तु को उनके वार्तालाप के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। विद्यार्थियों को चाहिए कि ऐसे निबंधों को लिखने से पूर्व वे अपनी सुविधा के लिए उनकी रूपरेखा तो बनाएं किन्तु शीर्षकों के रूप में निबंध में उपयोग न करें ।
कभी-कभी प्रश्नपत्रों में निबंधों का शीर्षक सूक्ति के रूप में दिया रहता है। इस प्रकार के निबंध भी सामान्य निबंध शैली में ही लिखे जाते हैं। आगे हम प्रत्येक प्रकार के निबंध आदर्शरूप में दे रहे हैं। विद्यार्थी इनका अध्ययन करके अपनी लेखन कला का स्वतंत्र रूप में विकास करें।






नोट :-
  • निबंध के अंतर्गत आपको आत्मकथात्मक सम्भाषणात्मक अथवा वर्णात्मक शैली में विचार व्यक्त करने होते हैं।
  • निबंध लिखने के लिए आवश्यक होता है कि एक सुविचारित रूपरेखा बना ली जाये। इससे सम्बन्ध बातें छूट नहीं पातीं और अनावश्यक सामग्री आ नहीं पाती।
  • अच्छे निबंधों का अध्ययन करना तथा विविध पुस्तकों एवं पत्र-पत्रिकाओं से उपयोगी सूक्तियों तथा उदाहरणों का संग्रह करना निबंध-लेखन में बहुत सहायक होता है।
  • आगे कुछ निबंध दिए जा रहे हैं जिनके अध्ययन से आपको निबंध-रचना का मार्ग दर्शन प्राप्त होगा।